शुक्रवार, 17 अगस्त 2012

राज्यसभा के अगले स्टार: मिथुन चक्रवर्ती


राष्ट्रीय साप्ताहिक इतवार में प्रकाशित

इंट्रो- ममता बनर्जी बनाएंगी मिथुन दा को अगला राज्यसभा स्टार। प्रणव मुखर्जी को समर्थन देने के लिए मिथुन ने ही किया था ममता को राजी

हाईलाईटर- राष्ट्रपति शपथ समारोह में ममता और मिथुन एक ही प्लेन से दिल्ली आए थे

राजनीति को संभावनाओं का खेल यूं ही नहीं कहा जाता। सत्ता के गलियारों में कब, कौन, किसका दोस्त बन जाए, कहा नहीं जा सकता। ताजा मामला है बॉलिवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की नई-नई दोस्ती का। दरअसल, राष्ट्रपति के लिए प्रणव मुखर्जी को तृणमूल चीफ ममता बनर्जी से मिला समर्थन मिथुन की ही सिफारिश का नतीजा बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी और प्रणव मुखर्जी के बीच मध्यस्थता करने वाले मिथुन चक्रवर्ती के बारे में दावा किया जा रहा है कि वह तृणमूल के टिकट पर राज्यसभा सांसद बनने की तैयारी कर रहे हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में ममता ने कोलकाता में मिथुन दा को महानायक सम्मान से भी सम्मानित किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो मिथुन चक्रवर्ती जल्द ही राज्यसभा की शोभा बढ़ाते दिखेंगे। वैसे भी दीदी के फिल्मी कलाकारों के प्रति प्रेम को सभी जानते हैं। बंगला फिल्मों के कई अभिनेता,अभिनेत्रियां उनकी पार्टी से सांसद व विधायक हैं। दरअसल, इस बात को हवा इससे मिली कि हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में प्रणव के पक्ष में ममता बनर्जी को मतदान करने के लिए मनाने में मिथुन चक्रवर्ती ने अहम भूमिका निभाई। मिथुन के मनाने पर ही अग्निकन्या का दिल पसीजा और उन्होंने प्रणव दा के पक्ष में मतदान करने की हामी भरी। ममता के संबंध में कहा जाता है कि वह दोस्ती और दुश्मनी दोनों ही पूरे दम से निभाती हैं। शाहरुख खान का प्रकरण गवाह है कि आलोचनाओं को दरकिनार कर कोलकाता नाइट राइडर्स की जीत पर दोस्ती निभाने के लिए वह पानी की तरह पैसा बहाने से भी नहीं चूकीं। बावजूद इसके कि वह हर समय राज्य के कर्ज में डूबे होने का रोना रोती रहती हैं। यहां तक कि राज्य को कर्जे से उबारने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग पर वह केंद्र की यूपीए सरकार का गाहे बगाहे कान भी मरोड़ती रही हैं। बहरहाल, प्रणव के पक्ष में मतदान करने के लिए राजी होने के बाद ममता दीदी व मिथुन दा एक ही विमान से दिल्ली गए। कहा जा रहा है कि यह विमान प्रणव दा ने ही भिजवाया था।
बताते चलें कि मिथुन चक्रवर्ती के कई बंगाली नेताओं से काफी पुराने और प्रगाढ़ रिश्ते रहे हैं। चाहे वह दिग्गज ज्योति बसु रहे हों, या बुद्धदेव भट्टाचार्य अथवा वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी। प्रणव मुखर्जी जब यूपीए सरकार में रक्षा मंत्री थे तो उन्होंने ही मिथुन का नाम पद्मश्री पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया था। मिथुन ने भी उनके इस एहसान का बदला चुकाने के लिए 2009 के लोकसभा चुनाव में जंगीपुर सीट पर प्रणव मुखर्जी के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई थी। उन्होंने इलाके में घूम-घूम कर प्रणव दा को विजयी बनाने की अपील की थी। प्रणव दा जीते भी।
बहरहाल, ममता से हुई नई-नई दोस्ती का इनाम तो मिथुन को मिलना ही था। सो राज्यसभा में भेजने से पूर्व बंगला फिल्मों के महानायक उत्तम कुमार की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री ने मिथुन चक्रवर्ती को महानायक सम्मान से नवाजा। इस अवसर पर ममता बनर्जी ने मिथुन समेत 44 फिल्मी हस्तियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि फिल्म जगत की हस्तियों को सम्मानित कर वह खुद को कृतज्ञ महसूस कर रही हैं। इसी के साथ बनर्जी ने अनल चट्टोपाध्याय, कार्तिक बसु, दीप्ति राय, कन्हाई डे आदि जैसे कलाकारों की आर्थिक बदहाली को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक माह पांच-पांच हजार रुपये बतौर मासिक पेंशन देने की भी घोषणा की।
मिथुन चक्रवर्ती को राज्यसभा सांसद बनाए जाने की अटकलों को इस बात से भी हवा मिल रही है कि अभी हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में ममता बनर्जी के कृपापात्र तीन पत्रकार राज्यसभा सांसद चुने गए। कृपा पाने वाले पत्रकारों में एक बंगला दैनिक के सीईओ कुणाल घोष, एक उर्दू दैनिक के संपादक तथा कोलकाता के प्रमुख हिंदी दैनिक सन्मार्ग के निदेशक विवेक गुप्ता हैं। पश्चिम बंगाल में तो यह चर्चा आम है कि चुनाव में यूपीए के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी का पुरजोर विरोध करने वालीं ममता बनर्जी को मनाने का काम एक्टर मिथुन चक्रवर्ती ने किया था। उन्हीं के समझाने बुझाने पर दीदी प्रणव दा के पक्ष में मतदान करने को राजी हुई थीं। सूत्रों के मुताबिक मिथुन ने ममता बनर्जी को बंगाली अस्मिता की दुहाई देते हुए प्रणव मुखर्जी का समर्थन करने की अपील की। इस पर ममता मान गईं। बदले में उन्होंने मिथुन को अपनी पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद बनने का प्रस्ताव दिया, जिसे मिथुन ने भी खुशी-खुशी कुबूल कर लिया। राजनीतिक पंडितों का दावा है कि राज्यसभा के लिए अगली बार जब भी चुनाव होगा, मिथुन चक्रवर्ती तृणमूल के टिकट पर राज्यसभा का चुनाव लड़ेंगे। राज्य में तृणमूल विधायकों की संख्या को देखते हुए इतना तो तय है कि ममता जिसे चाहें उसे राज्यसभा का चुनाव लड़ा और जिता सकती हैं।
बहरहाल, मिथुन की राजनीतिक पारी को लेकर राज्य में गरमागरम बहस जारी है। कुछ लोग मिथुन की आलोचना भी कर रहे हैं। आलोचना करने वालों का मानना है कि मिथुन हमेशा से ही सत्ताधारी दल के साथ जुड़े रहे हैं। राज्य में जब वाममोर्चा की सरकार थी, उस वक्त वामपंथी नेताओं के साथ मिथुन दा के निकट के संबंध थे। अब, जबकि ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं तो, उन्होंने प्रणव दा के बहाने ममता बनर्जी के साथ अपनी गोटियां फिट कर ली हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के शपथ ग्रहण समारोह में मिथुन चक्रवर्ती को कांग्रेस की तरफ से व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रण भेजा गया था और राष्ट्रपति के शपथ समारोह में भाग लेने वालों में मिथुन दा एकमात्र फिल्मी सितारे थे। समारोह में भाग लेने के लिए ममता बनर्जी और मिथुन चक्रवर्ती कोलकाता से एक ही प्लेन में दिल्ली गए थे। अब इसे कयासबाजी कहें या कुछ और लेकिन अचानक मिथुन दा के ममता दीदी से बने मधुर संबंधों के पीछे कोई न कोई कहानी है तो जरूर।

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