शनिवार, 29 जनवरी 2022

विभिन्न मांगों को लेकर 126 दिवसीय साचो आदिवासी तिरंगा यात्रा शुरू



मांगें नहीं मानी गई तो विधानसभा का घेराव के साथ ही होगा उग्र आंदोलन

नर्मदा। देश आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष मना रहा है लेकिन आदिवासी समुदाया आज भी विकास की दौड़ में काफी पीछे हैं। सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट करने  73वें गणतंत्र दिवस पर गुजरात के नर्मदा जिला के आदिवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए साचो आदिवासी तीरंगा यात्रा शुरू की गई है। भरुच जिला के झगड़ीया मत विस्तार के आदिवासी मसीहा के नाम से प्रख्यात छोटुभाई वसावा एवं नर्मदा जिला के डेडीयापाड़ा सागबारा मत विस्तार के लोकप्रिय विधायक महेशभाई वसावा ने गुजरात सरकार, केन्द्र सरकार व तमाम पार्टियों से अपील कि है कि आदिवासियो के हक व न्याय के लिए साचो आदिवासी तिरंगा यात्रा में शामिल होकर आदिवासियों को न्याय दिलाएं। यह यात्रा किसी पार्टी प्रेरित नहीं है बल्कि समाज के आदिवासी गरीब वर्गों को न्याय दिलाने की यात्रा है। यह यात्रा डॉ. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान के अनुरूप आदिवासी अपना हक चाहते हैं। किसी से भीख नही मांगते। उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांग पर किसी ने संज्ञान नहीं लिया तो समस्त आदिवासी समाजअपने हक के लिये उग्र आंदोलन करेगा।



उन्होंने आदिवासियों की मांगों का उल्लेख करते हुए कहा कि तापी और नर्मदा का पानी हमारे क्षेत्र से गुजरात के स्वराष्ट्र में जाता है लेकिन आदिवासी क्षेत्र से निकलने वाले नहर के पानी से अगल-बगल के आदिवासी किसानों को वंचित रखा जाता है। गुजरात में दारूबंदी का हम समर्थन करते हैं लेकिन नकली दारू पीकर आदिवासी मर रहे हैं और औरतें विधवा व बच्चे अनाथ हो रहे हैं। क्या सरकार ने कभी इसके बारे में सोचा कि ऐसा क्यों हो रहा है। दरअसल, दारुबंदी के बावजूद प्रशासन व गुजरात पुलिस की शह पर हरेक गांव व तालुका में नकली दारू खुलेआम बिक रहा है। नकली दारू आदिवासीयों को शारीरिक-मानसिक और आर्थिक रूप से कमजोर कर रही है। नकली दारू पीकर लोगों की असमय मृत्यु हो रही है। आदिवासि युवाओं के खिलाफ यह एक गहरा षड्यंत्र है। अगर गुजरात सरकार ने इसका संज्ञान नहीं लिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। पूरे देश में 16 से 17 करोड़ और अकेले गुजरात में ही एक से डेढ़ करोड़ आदिवासी हैं।

बहरहाल, 73वें गणतंत्र दिवस से शुरू साचो आदिवासी तिरंगा यात्रा 126 दिनों तक गुजरात के समस्त आदिकासी क्षेत्रों में गुजरते हुए निकलेगी जिसका नेतृत्व झगड़ीया मत विस्तार के विधायक छोटुभाई वसावा व डेडीयापाडा-सागबारा के लोकप्रिय विधायक महेशभाई बसावा के नेतृत्व एवं मुख्य सलाहकार डॉ. के. मोहन आर्य कर रहे हैं। इस यात्रा में बीटीटीएस प्रमुख महेश जी बसावा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष परेश बसावा, पूर्व नर्मदा जिला कारोबारी अध्यक्ष बहादुरभाई वसावा, युवा सरपंच देवजीभाई वसावा नर्मदा जिला के उप प्रमुख जगदीश भाई वसावा (जगो) बीटीबी के अग्रणी कार्यकर्ता सागर के आर्य समेत हजारों कार्यकर्ता शामिल हैं। तिरंगा यात्रा में शामिल लोगों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर उचित विचार नहीं किया तो फिर उग्र आंदोलन किया जाएगा। साथ ही गुजरात विधान सभा के समक्ष 5 से 6 लाख आदिवासी धरना पर बैठकर विधानसभा का घेराव करेंगे। अब यह लड़ाई साचो आदिवासी तिरंगा यात्रा के बैनर तले मरते दम तक जारी रहेगा।

 

सोमवार, 10 मई 2021

के मोहन आर्य बने भारतीय ट्राइबल पार्टी के राष्ट्रीय सलाहकार


 


के मोहन आर्य बने बीटीपी के राष्ट्रीय सलाहकार

नई दिल्ली। गुजरात के प्रमुख सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता तथा भारत यात्रा केंद्र डेडियापाड़ा के संस्थापक के मोहन आर्य को भारतीय ट्राइबल पार्टी ने मुख्य सलाहकार नियुक्त किया है।  के मोहन आर्य ने अपने राजनीतिक यात्रा की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की छत्रछाया में शुरू की थी।भारतीय ट्राइबल पार्टी के संरक्षक व झगड़िया से विधायक छोटूभाई ए बसावा की सलाह पर पार्टी के अध्यक्ष व डेडीयापाड़ा से विधायक महेश भाई छोटू भाई बसावा ने के मोहन आर्य को पार्टी का राष्ट्रीय सलाहकार नियुक्त किया। इस नियुक्ति के बाद आर्य ने मीडिया से कहा कि वे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के आदर्शों पर चलते हुए आदिवासियों, दलितों व कमजोर वर्ग के लोगों के न्याय की लड़ाई अंतिम दम तक लड़ेंगे।