शुक्रवार, 17 अगस्त 2012

यार! क्या है पिंकी


इंट्रो- पूर्व महिला एथलीट पिंकी प्रमाणिक पर एक शादीशुदा महिला ने लगाए बालात्कार के आरोप। कहा पिंकी स्त्री नहीं पुरुष है। लिंग निर्धारण के लिए हिरासत में पिंकी

हाईलाईटर- लगभग एक महीने के बाद भी नहीं निर्धारण हो सका पिंकी पुरुष है या स्त्री

इन दिनों पूरे राज्य में एथलीट पिंकी के पुरुष या महिला होने की चर्चाएं गरम हैं। कुछ लोग उसे पुरुष बताते हैं तो कुछ उसे महिला ही मानते हैं। बहरहाल अब पिंकी पुरुष है या महिला यह तो चिकित्सक ही तय कर पाएंगे। मामला फिलहाल अदालत में है और पिंकी न्यायिक हिरासत में। लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि पिंकी की गिरफ्तारी के बीस दिनों बाद तक भी यह प्रमाणित नहीं हो सका है कि वास्तव में वह स्त्री है या पुरुष।
2006 एशियाई खेलों की स्वर्ण पदकधारी पिंकी प्रमाणिक को रेलवे की नौकरी से भी निलंबित किया जा चुका है। पिंकी को गलत आरोप में फंसाए जाने का मामला उठाते हुए देश की उडऩपरी पीटी उषा ने भी उसके पक्ष में आवाज बुलंद की है। उषा का कहना है कि पिंकी के खिलाफ किसी कार्रवाई से पहले एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया(एएफआई) के  नियमों का पालन करना चाहिए। ऊषा ने कहा कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट से पहले और तुरंत बाद जरूरी टेस्ट लेने की जिम्मेदारी इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन(आईएएएफ) की होती है। इसलिए एएफआई को सबसे पहले यह पता करना चाहिए पिंकी के मामले में सभी जरूरी टेस्ट हुए थे या नहीं और उनमें पिंकी पास हुई थी या नहीं।
इस बीच परगना की बारासात अदालत ने पिंकी के लिंग निर्धारण के लिए क्रोमोसोम पैटर्न की रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है और पिंकी की जमानत की अपील खारिज करते हुए इस एथलीट की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। इस संबंध में एसएसकेएम अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि इस जांच के द्वारा परिणाम हासिल करने में सात से दस दिन का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में पिंकी के लिंग निर्धारण का परीक्षण हुआ था, लेकिन क्रोमोसोम पैटर्न परीक्षण नहीं हो पाया था। अपनी तरह का यह पहला मामला है कि एक एथलीट को जेंडर टेस्ट के लिए चिकित्सा परीक्षण से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा बोर्ड की रिपोर्ट बंद लिफाफे में संबद्ध अदालत में पेश की जाएगी। पिंकी न्यायिक हिरासत के तहत दमदम जिला जेल में बंद है। हालांकि इससे पहले एक प्रायवेट नर्सिंग होम में पिंकी का जेंडर चेक हुआ था जिससे पता चला था कि वह पुरुष है।
गौरतलब है कि अदालत के आदेश पर पिंकी 15 जून से न्यायिक हिरासत में है। पिंकी के वकील तुहिन रॉय के अनुसार एथलीट पिंकी को दो बार अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में लिंग निर्धारण परीक्षण से गुजरना पड़ा है, लेकिन दोनों ही मौकों पर परिणाम अनिर्णायक रहे हैं। रॉय ने कहा कि लिंग निर्धारण परीक्षण के नाम पर पिंकी का मानसिक उत्पीडऩ किया जा रहा है। हम अब अदालत से अनुरोध करेंगे कि वह एक विशेष अस्पताल तय करे जहां पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हों। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा संचालित एसएसकेएम अस्पताल के चिकित्सकों का एक 11 सदस्यीय दल गठित किया गया था, जिसने 25 जून को पिंकी के कई परीक्षण किए थे। लेकिन सुविधाओं के अभाव के कारण क्रोमोसोम परीक्षण, कैरयोटाइपिंग, नहीं हो सका था। इसके पूर्व उत्तरी 24 परगना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुकांत सिल ने 26 वर्षीय पूर्व महिला एथलीट पिंकी के जेंडर टेस्ट के लिए सात सदस्यीय चिकित्सा बोर्ड का गठन किया था। किंतु यह टीम भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई। पिंकी ने 2006 के दोहा एशियाई खेलों में चार गुणा 400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक जीता था।

यह मामला तब प्रकाश में आया जब पिंकी पर एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया। इसी आरोप में पिंकी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पिंकी के साथ रहने वाली इस शिकायतकर्ता विवाहित महिला के अनुसार पिंकी महिला के वेश में पुरुष है। वह उससे लगातार बलात्कार करता रहा है। पिंकी की लिव-इन पार्टनर ने आरोप लगाया था कि वह पुरुष है और उसने उसके साथ बलात्कार किया है। इस तलाकशुदा के मुताबिक पिंकी ने उसे शारीरिक यातना भी दी है। कांता का आरोप है कि पिंकी ने उससे शादी का वादा किया था, लेकिन बाद में मुकर गया। भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 417 और 376 के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे बारासात की एक अदालत में पेश किया गया जहां उसके लिंग परीक्षण के आदेश दिए गए। लेकिन अस्पताल में कई घंटों की मशक्कत के बाद आरोपी महिला एथलीट ने मेडिकल बोर्ड के समक्ष परीक्षण कराने से इंकार कर दिया था। वर्ष 2006 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और उसी वर्ष के राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने के बाद रेलवे ने उसे नौकरी दी थी। ईस्ट रेलवे में टिकट कलेक्टर के पद पर कार्यरत पिंकी को न्यायिक हिरासत में भेज दिए जाने के बाद उसे पद से निलंबित किया जा चुका है। ज्ञातव्य है कि पिंकी ने तीन वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद खेलों से संन्यास ले लिया था।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के एक अधिकारी ने कहा कि अगर साबित हो जाता है कि यह एथलीट पिंकी पुरुष है, तो उससे सारे पदक छीन लिए जाएंगे। बंगाल एथलेटिक्स संघ के एक अधिकारी ने कहा कि मेलबोर्न राष्ट्रमंडल खेलों की उपलब्धि के बाद पिंकी प्रमाणिक की जांच में पुरुष हार्माेन का स्तर काफी अधिक पाया गया था इसके बावजूद उसे दोहा एशियाई खेलों में हिस्सा लेने की अनुमति मिल गई। इस बाबत पिंकी के परिजनों ने उसका बचाव करते हुए किसी षडयंत्र की आशंका जताई है। पिंकी के पिता दुर्गाचरण ने कहा कि जिस महिला ने आरोप लगाया है, उसके पति ने मेरी बेटी से पैसे उधार लिए थे। उसने पैसे वापस देने से इंकार कर दिया और अब मेरी बेटी की छवि धूमिल करने के लिए यह षडयंत्र रचा है। वहीं एथलीट पिंकी की मां पुष्पा ने कहा कि मैं इन आरोपों को सुनकर स्तब्ध हूं। मैं उसकी मां हूं, मुझसे ज्यादा कोई हकीकत नहीं जान सकता। पिंकी महिला ही है, इसमें रत्ती भर भी संदेह नहीं है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें