गुरुवार, 27 जून 2013

अपनों से परेशान अखिलेश

                            बद्रीनाथ वर्मा
खराब कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों के हमले झेल रही उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार की परेशानियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही। विपक्षी दलों का तो खैर काम ही है सरकार की खामियों को उजागर करना, पर अब अखिलेश सरकार के विधायक ही उन पर हमलावर हो गये हैं। चंदौसी की विधायक लक्ष्मी गौतम का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि बलिया जिले के सिकंदरपुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गये मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी ने अखिलेश सरकार को भ्रष्ट कहकर मुश्किल खड़ी कर दी है।
समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिज़वी कहते हैं कि अखिलेश सरकार में भ्रष्टाचार बिल्कुल अपने चरम पर पहुंच गया है। यहां बिना पैसे के कोई काम नहीं होता है। हर विभाग व हर अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है।
बलिया जिले के सिकंदरपुर से विधायक रिज़वी यही नहीं रुके बल्कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि इससे पहले प्रदेश में इतनी भ्रष्ट सरकार कभी नहीं रही। विधायक के इस आरोप से सकते में आई अखिलेश सरकार विधायक की शिकायतों का निवारण करने की बात कहकर अपनी खाल बचाने की कोशिश कर रही है। मोहम्मद जियाउद्दीन ने न्यू देहली पोस्ट से कहा कि भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त है कि आम जनता हो या कोई विधायक बिना पैसे दिए आपकी कोई नहीं सुनेगा। जिला में तैनात छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों ने अपने काम करने का यही तरीका बना लिया है। बगैर रिश्वत के कोई भी काम नहीं करने की मानो उन्होंने ठान ली है। आम जनता की तो बात छोड़िए विधायक तक को सर्टिफिकेट लेने या पुलिस से मामले की जांच कराने के लिए पैसे देने पड़ते हैं।
विधायक जियाउद्दीन के आरोपों से बचाव की मुद्रा में आई सपा सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए रिज़वी की शिकायत पर ध्यान देने की बात कही है। इस संबंध में सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। अगर वाकई कोई समस्या है तो हम इसकी जांच करेंगे।
वहीं राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार से आजिज व इस पर तल्ख रुख अपनाए रिज़वी ने सरकार पर बरसते हुए कहा कि यहां आज से ज्यादा खराब स्थिति पहले कभी नहीं थी। उन्होंने अपनी बात के दावे में कहा कि इससे बुरी बात और क्या हो सकती है कि बलिया जिले के चिटगांव पुलिस थाने में हवलदारों और पुलिस निरीक्षकों ने धरना दिया था क्योंकि वसूली के पैसे को बराबर न बांटने के मसले पर वह नाराज थे। रिज़वी ने अपनी बात न सुने जाने पर धरने पर बैठ जाने की धमकी भी दी है। साथ ही उन्होंने सपा सरकार में बलिया के ही दो वरिष्ठ मंत्रियों पर पार्टी नेतृत्व को जमीनी स्तर की सही जानकारी नहीं देने का आरोप भी लगाया है। बहरहाल विधायक के भ्रष्टाचार के आरोप व इसके पहले सपा की महिला विधायक लक्ष्मी गौतम के कदाचार ने अखिलेश सरकार की फजीहत करा दी है। पूरे राज्य में लक्ष्मी गौतम के किस्से चटखारे लेकर कहे सुने जा रहे हैं। अब यह हाई प्रोफाइल मामला मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव की अदालत में है।  गौरतलब है कि चंदौसी से एसपी विधायक लक्ष्मी गौतम अपने प्रेमी मुकुल अग्रवाल के साथ लखनऊ के टीडीआई सिटी स्थित विधायक निवास में रह रही थी। पिछले दिनों जब विधायक के पति वहां पहुंचे तो अपनी पत्नी को प्रेमी के साथ देखकर आग बबुला हो गये। पहले तो इस मुद्दे पर दोनों के बीच बहस हुई, बाद में इस मसले ने हंगामे की शक्ल ले ली। विधायक ने पुलिस बुला ली और कहा कि दिलीप उनके पति ही नहीं है। लक्ष्मी का कहना है कि दिलीप से उनकी शादी नहीं हुई थी। दोनों लिव-इन में वर्षों से रहते थे। हालांकि दिलीप और लक्ष्मी के दो बच्चे भी हैं।
यही नहीं चंदौसी से समाजवादी पार्टी विधायक लक्ष्मी ने कई बार सरकारी दस्तावेजों में दिलीप को बतौर पति बताया है। उन्होंने नामांकन भरते वक्त शपथ पत्र में भी दिलीप को अपना पति बताया है। सरकारी स्कूल में टीचर दिलीप ने कहा कि लक्ष्मी मेरी पत्नी हैं, लेकिन अब किसी और के साथ रह रही हैं। विधायक की शिकायत पर दिलीप को पुलिस ने हिरासत में लिया था मगर विधायक द्वारा कोई एफआईआर न कराने की वजह से उन्हें छोड़ दिया गया। लक्ष्मी का कहना है कि उन्होंने दिलीप से कभी शादी नहीं की और उन्हें खुद को उनका पति कहलाने का अधिकार भी नहीं है। उनका आरोप है कि वह शक इतना करते थे कि विधान सभा सत्र में विधायकों से भी नहीं मिलने देते थे। सिर्फ हस्ताक्षर कर लौटने की बात कहते थे।
हालांकि लक्ष्मी गौतम भले ही अब कह रही हैं कि उनका दिलीप से कोई संबंध नहीं है। पर एक वक्त ऐसा भी था जब लक्ष्मी और दिलीप का प्रेम परवान चढ़ा था। लक्ष्मी गौतम खुद बताती हैं कि जब वह 11वीं में पढ़ती थीं दिलीप प्राइमरी स्कूल में टीचर थे। स्कूल आते जाते दोनों की मुलाकात होने लगी। दिलीप ने ही एक दिन उन्हें प्रपोज कर दिया। वर्ष 2003 में दोनों घूमने के लिए मसूरी, नैनीताल और शिमला गए। इस दौरान दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने। दिलीप से उनके दो बच्चे भी हैं। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं जब दिलीप को लक्ष्मी पति नहीं मानती थीं तो उन्होंने शपथ पत्र पर पति की जगह दिलीप का नाम क्यों लिखा। गलत सूचना भरने के लिए क्या लक्ष्मी गौतम पर धोखाधड़ी का मामला नहीं चलना चाहिए। बहरहाल इस कदाचार ने अखिलेश सरकार की भी खूब किरकिरी कराई है। लक्ष्मी गौतम जगह जगह अपनी सफाई देती फिर रही हैं। लेकिन उनकी यह सफाई उस वक्त भारी पड़ गई जब आजम खान ने उन्हें ही कसूरवार ठहराते हुए उनके प्रेमी को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया । दरअसल हुआ यूं कि एक कार्यक्रम में
राज्य के कद्दावर मंत्री आजम खां से अपनी पीड़ा बयान करने लगी। इस पर हत्थे से उखड़े आजम ने विधायक लक्ष्मी गौतम की करतूतों को पार्टी की फजीहत बताते हुए उनके प्रेमी मुकुल अग्रवाल को गिरफ्तार करने का फरमान सुना दिया। विधायक की 'कथा' शुरू होते ही आजम खां उखड़ गए। उन्होंने कहा कि इस घटना से पार्टी व सरकार की फजीहत हो रही है। प्रेमी माने जा रहे मुकुल अग्रवाल को तत्काल जेल भेजा जाना चाहिए। बस क्या था आनन फानन में उसकी तलाश में पुलिस ने पास ही खड़ी विधायक की गाड़ी व कुछ अन्य वाहनों को भी सर्च किया मगर वह हाथ नहीं आया।

बहरहाल, पार्टी की किरकिरी कराने को लेकर नगर विकास मंत्री आजम खां की सख्ती व फटकार के बाद बिगड़े हालात में विधायक अपना बचाव करने की रणनीति बना रही हैं।  इस बीच पूरे प्रकरण पर न कोई पदाधिकारी बोलने को तैयार है और न कार्यकर्ता। बयानबाजी महंगी पड़ सकती है। कार्यकर्ता और पदाधिकारियों को कार्रवाई का खौफ सता रहा है। 
पहले मीडिया से खुलकर बात कर रही गौतम अब मीडिया से बच रही हैं। वहीं उनके पति दिलीप वार्ष्णेय ने न्यू देहली पोस्ट से कहा कि उन्हें सपा नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। उन्हें आशा है कि नेतृत्व उनके साथ न्याय करेगा। इस बीच कहा जा रहा है कि मुकुल अग्रवाल ने भी सपा में राजनीतिक संरक्षण के लिए भागदौड़ तेज कर दी है। राज्य भर में चटखारे लेकर सुनी जा रही विधायक की प्रेम कथा पर विधायक कहती हैं उन्हें पिस्टल और रिवाल्वर से धमकाया गया। तो विधायक पति का बयान आया कि पति-पत्नी के बीच वो का नाम आने के बाद मामला बिगड़ गया था। 
आखिर सच क्या है। राजनीतिक हलकों में इसकी खासी चर्चा है। अन्य संगठनों के साथ समाज में भी यही प्रकरण छाया हुआ है। घटनाक्रम में जो बयानबाजी विधायक और उनके पति की ओर से मीडिया के सामने हुई है उसे लेकर लोग अपने अपने तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं। 

दिलीप मुझ पर शक किया करते थे यहां तक कि विधानसभा सत्र में भी शामिल नहीं होने देते थे। मुकुल अग्रवाल मेरा प्रेमी नहीं बल्कि पार्टी कार्यकर्ता है। - लक्ष्मी गौतम, सपा विधायक चंदौसी 
राज्य में इस कदर भ्रष्टाचार है कि आम जनता हो या कोई विधायक बिना पैसे खर्च किये किसी की भी नहीं सुनी जा रही है।  मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी, सपा विधायक, सिकंदरपुर

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