बुधवार, 30 सितंबर 2015

इंटरव्यूः मुद्रिका यादव, महासचिव राजद

इस बार नहीं गलेगी बीजेपी की दाल: मुंद्रिका यादव
                 महासचिव, राष्ट्रीय जनता दल 
राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान महासचिव मुंद्रिका प्रसाद यादव से कैमूर टाइम्स की बातचीत के संपादित अंश:
बिहार चुनावी बुखार में तपने लगा है। आप किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे? 
हम शुरू से ही सामाजिक न्याय के पैरोकार रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सांप्रदायिक सद्भाव, सामाजिक न्याय व कानून का राज यही हमारा चुनावी मुद्दा है। 
सामाजिक न्याय या पारिवारिक न्याय। रामकृपाल यादव व पप्पू यादव का तो यही कहना है?
रामकृपाल यादव व पप्पू यादव जैसे लोगों ने सामाजिक न्याय की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। उन्हें इसकी सजा मिलेगी। रामकृपाल तो लालूजी के नाक के बाल रहे। उन्हें जमीन से आसमान पर पहुंचाने का काम किया। वे कभी भी सड़क पर नहीं रहे। हमेशा विधानपरिषद या लोकसभा, राज्यसभा में लालूजी की कृपा से रहे। उस समय उन्हें पारिवारिक न्याय की बात नहीं नजर आई। पप्पू को जब मधेपुरा से सांसद बनाया तब उन्हें भी पारिवारिक न्याय नहीं दिखा।
आप शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून के राज की बात कर रहे हैं लेकिन आपके शासनकाल में इन तीनों का ही बुरा हाल था, इसी वजह से जंगलराज कहा गया। क्या कहेंगे?
लालूजी व राबड़ीजी की 15 वर्षों की सरकार ने दलितों वंचितों व दबे कुचलों को जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत दी। उनमें स्वाभिमान भरने का काम किया। मगर गरीबों, दलितों व वंचितों के उदय को सामंती सोच के लोग पचा नहीं पाये इसलिए बदनाम करने के लिए जंगलराज का शोर मचाया जा रहा है। लेकिन जनता सब जानती है। लोग बहकावे में नहीं आने वाले। सांप्रदायिकता का जहर फैलाकर देश को बांटने वालों की दाल इस बार नहीं गलेगी। यह लड़ाई मंडल बनाम कमंडल की है।
आपको नहीं लगता कि सांप्रदायिकता के नारे को लोग नकार चुके हैं। आप जिन पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगा रहे हैं उन्हें 32 सीटें मिली जबकि आपको केवल चार।
जनता भाजपा के झूठे वादों के झांसे में आ गई थी, मगर अब उनकी पोल खुल गई है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। चुनाव के दौरान किये गये एक भी वादे पूरे नहीं हुए। न महंगाई कम हुई और न ही युवाओं को रोजगार मिला। और तो और कालाधन लाने का वादा भी पूरा नहीं किया गया। कहां गये हर खाते में 15 लाख देने के वादे। 15 महीनों की सरकार में कोई भी ऐसा काम नहीं हुआ जिससे जनता उन पर दोबारा विश्वास करे। वादाखिलाफियों को इस बार मुंह की खानी पड़ेगी। बिहार में महागठबंधन ही सरकार बनाएगा।  
महागठबंधन के लिए पहले लालूजी जहर पीते हैं फिर सीटों पर रघुवंश प्रसाद 100 के बदले 10 का नोट की बात करते हैं। यह कैसा विरोधाभास?
देखिए, वह हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन यह उनका अपना निजी विचार है। गठबंधन एकजुट है। इसमें कहीं कोई विरोधाभास नहीं है। हम इस बार पूरी एकजुटता के साथ झूठे सपने दिखाने वाले कमंडल वालों को बिहार से भगाएंगे। 
कल तक साथ रहे पप्पू यादव आज घोर विरोधी हैं। कितना नुकसान पहुंचाएंगे?
पप्पू यादव मुख्यमंत्री बनने की हड़बड़ी में हैं। बीजेपी के पैसे पर हेलिकॉप्टर पर उड़ रहे हैं, लेकिन चुनाव बाद उनकी हैसियत पता चल जाएगी। रही बात नुकसान पहुंचाने की तो उनकी इतनी बड़ी औकात अभी नहीं है। 

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