रविवार, 28 अक्तूबर 2012

स्त्री अस्मिता से खिलवाड़


स्त्री अस्मिता से  खिलवाड़


बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर जिस तरह देश में सतही बयानबाजी हो रही है वह तथाकथित रहनुमाओं के दिमागी दिवालियेपन को ही उजागर करती है। बलात्कार जैसे घृणित व संगीन अपराध पर ऊलजुलूल व संवेदनहीन बयान देकर आखिर क्या संदेश देने की कोशिश हो रही है। क्या ऐसे बेहूदे बयानों से अपरोक्ष रूप से बलात्कारियों को ही बढ़ावा नहीं मिल रहा?

लगता है देश में स्त्री अस्मिता से खिलवाड़ करना कुछ लोगों का शगल बन गया है। बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर सभी अपने अपने हिसाब से बयान देने में लगे हुए हैं। सबके अपने-अपने तर्क हैं। एक से बढ़कर एक अजीबोगरीब कारण बताये जाने का मानो सिलसिला ही चल पड़ा है। ऐसे-ऐसे तर्क या कह सकते हैं कुतर्क दिये जा रहे हैं, जिसे पढ़-सुनकर सिर पीट लेने को जी करता है। कोई बलात्कार के लिए फॉस्टफूड को जिम्मेदार ठहरा रहा है, तो कोई इसे आजादी का परिणाम बता रहा है। लड़कियों की छोटी उम्र में ही शादी कर देने की हिमायत करने वाले तो घुमा फिराकर बलात्कार के लिए पीडि़ता को ही कसूरवार ठहरा रहे हैं। एक तरह से बलात्कारियों की पैरवी करते इन पैरोकारों के बयान खुद बलात्कार पीडि़ता को ही कठघरे में खड़े करने जैसा है। मानो बलात्कार के लिए बलात्कारी से ज्यादा खुद बलात्कार पीडि़ता ही जिम्मेदार है।
अभी तक अपने अजीबोगरीब फरमानों के लिए कुख्यात रही खाप पंचायतों के नक्शेकदम पर चलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता मनर्जी ने भी इस मुद्दे पर एक विवादित बयान दिया है। बनर्जी ने कहा है कि आजादी के कारण ही बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। उनके इस बयान ने तो मानों आग में घी ही डाल दिया। सोशल साइटों पर उनके बयान को लेकर उनकी खूब थुक्का फजीहत की गयी। किसी ने उन्हें खाप पंचायतों की खोई हुई बहन कहा तो किसी ने उन्हें खाप पंचायतों का ब्रांड एंबेस्डर करार दिया। दरअसल बलात्कार के मसले पर ममता ने कहा था कि महिलाओं और पुरु षों को एक-दूसरे से बात करने की खुली छूट मिली है। इस वजह से रेप की घटनाएं बढ़ी हैं। वे यहीं नहीं रुकीं बल्कि इसका सारा दोष मीडिया पर मढ़ते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि हर दिन रेप की घटनाओं को मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। ऐसा लगता है कि जैसे कि पूरा प्रदेश बलात्कारियों से भरा है। इसे जनता के बीच बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने मीडिया को एक तरह से नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह की पत्रकारिता से सिर्फ विनाश ही होता है। ममता ने कहा कि दुष्प्रचार और नकारात्मक समाचारों के जरिये उनकी सरकार को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे समाचारों से हमारे शासन-प्रशासन की गलत छवि पेश की जा रही है। इसी तरह कटवा में हुए सामूहिक बलात्कारकांड को भी उन्होंने माकपा व मीडिया की साजिश करार दिया था। उन्होंने मीडिया पर अपनी सरकार की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि सनसनीखेज खबरें परोसने के लिए मीडिया इस तरह के कारनामों को अंजाम दे रहा है। इसी तरह अपने विभिन्न कारनामों से सुर्खियों में रहने वाली खाप पंचायत
ने हरियाणा में तेजी से बढ़ रही बलात्कार की घटनाओं के लिए फॉस्ट फूड कल्चर को दोषी ठहराया है। इससे पहले खाप ने हरियाणा में तेजी से बढ़ते दुष्कर्म के मामलों को रोकने के लिए लड़कियों की शादी की उम्र कम करने की वकालत की थी।
 खाप नेता जितेंद्र छत्तर का मानना है कि दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के लिए चाउमिन, बर्गर पिज्जा और हॉट डॉग जैसे फॉस्ट फूड जिम्मेदार हैं। छत्तर ने विशेषज्ञों की तरह तर्क देते हुए कहा कि फॉस्ट फूड शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है, क्योंकि जब लोग फास्ट फूड खाते हैं, तो गर्मी पैदा होती है जिससे शरीर में सेक्स हारमोन तेजी से बनने लगता है और खाने वाला बेकाबू हो जाता है। बकौल छत्तर, लोगों को फास्ट फूड खाने के बाद कुछ ठंडी चीजें खानी चाहिए। बलात्कार जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए छत्तर ने भारतीय खाना और जीवन-शैली अपनाने की वकालत की है। उनके अनुसार सादा जीवन अपनाकर ही इस प्रकार की घटनाओं में कमी लायी जा सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए खाप नेताओं द्वारा लड़कियों की शादी कम उम्र में करने की वकालत की गयी थी। दिलचस्प तथ्य यह है कि इस पर इनेलो अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने भी सहमति जतायी थी। चौटाला ने कहा कि बलात्कार की घटनाओं के बढ़ने का कारण लड़कियों को अधिक उम्र तक घर में बैठाना है, हमें चाहिए कि इस तरह के अपराध को कम करने के लिए बेटियों की शादी जल्द कर दी जाए। उनसे पहले खाप पंचायतों ने भी 15 साल की उम्र में लड़कियों की शादी करने की बात कही थी। बलात्कार सिर्फ किशोरियों से नहीं बल्कि शादीशुदा महिलाओं के साथ भी होते हैं। ऐसे में इन लोगों ने यह नहीं बताया कि शादीशुदा महिलाओं के साथ होने वाली इस तरह ही हरकतों का क्या निदान उन्होंने खोजा है। इन रहनुमाओं को कम से कम इतनी जानकारी तो होनी ही चाहिए कि  इस तरह के अपराध सिर्फ कुंवारी लड़कियों के साथ ही नहीं बल्कि विवाहित महिलाओं के साथ भी हो रहे हैं। वैसे हरियाणा में बढ़ती इन घटनाओं का कारण कहीं ना कहीं असंतुलित लिंग अनुपात भी है। प्रदेश में लड़कियों की कम संख्या भी इस तरह की घटनाओं की एक बड़ी वजह है। गौरतलब है कि स्त्री-पुरुष अनुपात हरियाणा में सबसे कम है। प्रति एक हजार लड़कों पर यहां लड़कियों की संख्या मात्र 744 ही है। बहरहाल, जब बलात्कार से बचने के एक से एक नायाब तरीके बताये जा रहे हों तो फिर भला कांग्रेस क्यों पीछे रहती। लगे हाथों हरियाणा कांग्रेस के प्रवक्ता धर्मवीर गोयल ने बलात्कार जैसे शब्द को ही नकार दिया। उन्होंने अपने अजीबोगरीब बयान में कहा था कि 90 फीसदी मामलों में बलात्कार नहीं, बल्कि लड़कियां सहमति से संबंध बनाती हैं।

ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल : लड़के-लड़कियों को माता-पिता द्वारा दी गयी आजादी से ही बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं।

ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व मु्ख्यमंत्री हरियाणा : बलात्कार जैसी घटनाओं से बचने के लिए कम उम्र में ही लड़कियों की शादी कर देनी चाहिए।

धर्मवीर गोयल, प्रवक्ता, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस पार्टी : नब्बे फीसदी मामलों में बलात्कार नहीं, बल्कि लड़कियां सहमति से संबंध बनाती हैं।

जीतेन्द्र छत्तर, खाप नेता : चाउमिन, बर्गर पिज्जा और हॉट डॉग जैसे फॉस्ट फूड खाने से गर्मी पैदा होती है जिससे शरीर में सेक्स हारमोन तेजी से बनने लगता है और खाने वाला बेकाबू होकर बलात्कार कर बैठता है ।

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